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CM हेमंत सोरेन मामला : खनन पट्टा और शेल कंपनी मामले में झारखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से तत्काल सुनवाई की मांग की

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नई दिल्लीः 
झारखंड हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खनन पट्टा और शेल कंपनी मामले में सुनवाई के बाद कहा था कि दोनों ही मामले सुनवाई के योग्य हैं क्योंकि देखने से प्रतीत हो रहा कि यह जनसरोकार से ताल्लुक रखते हैं। हाईकोर्ट के इस फैसले को झारखंड सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दिया गया है।

 

साथ ही याचिक पर तत्काल सुनवाई की आज मांग की गई है। झारखंड सरकार ने न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की अवकाशकालीन पीठ को बताया कि इस मामले में तत्काल सुनवाई होना अनिवार्य है। क्योंकि झारखंड हाईकोर्ट को यह सूचित कर दिया गया है कि शीर्ष अदालत में इस मामले को चुनौती देते हुए SLP दायर किया गया है फिर भी 17 जून को सुनवाई की तारीख तय कर दी गई है। 


रजिस्ट्रार को याचिका के बारे में बता दें 
झारखंड सरकार की दलील सुनने के बाद पीठ ने राज्य की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अरुणभ चौधरी से कहा कि वह रजिस्ट्रार को याचिका के बारे में बता दें ताकि शीर्ष अदालत के रजिस्ट्रार इसे सूचीबद्ध किए जाने को लेकर मुख्य न्यायाधीश के कार्यालय से आदेश ले सके। पीठ ने कहा, आप संबंधित ब्यौरा दें, वे रजिस्ट्रार आदेश ले लेंगे।  


24 मई को हुई थी सुनवाई 
बता दें कि शीर्ष अदालत ने 24 मई को इस बिंदु पर पहले उच्च न्यायालय को अपना फैसला देने को कहा था कि याचिका सुनवाई योग्य है या नहीं। मामले में दो जनहित याचिकाएं दायर की गई हैं। पहली याचिका में मुख्यमंत्री के नाम पर खनन पट्टा लेने को लेकर, जबकि दूसरा शेल कंपनी मे निवेश को लेकर । मंत सोरेन ने अपने खिलाफ लगे सभी आरोपों को खारिज किया है।